भीतर से बाहर निकल जगत खुश रंग कली फूल की किस्मत के संग ! भीतर से बाहर निकल जगत खुश रंग कली फूल की किस्मत के संग !
बेहतर बनूं चांदनी, ठंडक दूं, जो धूप में है तपा। बेहतर बनूं चांदनी, ठंडक दूं, जो धूप में है तपा।
जीवन पथ पर आगे बढ़ना सीखाती मां, मेरी ताकत, मेरा साहस, मेरी मां। जीवन पथ पर आगे बढ़ना सीखाती मां, मेरी ताकत, मेरा साहस, मेरी मां।
बूंदों जैसे कुछ क्षण लेकर चली थीं सागर भर लाने को। बूंदों जैसे कुछ क्षण लेकर चली थीं सागर भर लाने को।
गागर में सागर भी आज समाया है गागर में सागर भी आज समाया है
हमेशा के लिए एक जहरीली नींद सो जायेंगे। हमेशा के लिए एक जहरीली नींद सो जायेंगे।